SEO क्या है ? SEO कैसे करें ? SEO Tips In Hindi
अगर आप कोई website या कोई यौतुबे चैनल चलते है तो आपको पता होगा की SEO क्या है और SEO कैसे करते है ? (SEO Tips In Hindi). अगर आपको नहीं पता तो आज की इस लेख में हम आपको कुछ SEO Tips In Hindi देने वाले है. तो बने रहिये हमारे साथ.
SEO (Search Engine Optimization (SEO) Tips In Hindi) यानि की सर्च इंजन को अपने लेख के अनुसार ऑप्टिमाइज़ करना. और साधारण शब्दों में कहे तो SEO वो चीज़ है जो सर्च इंजन को बताती है की आपने जो लेख अथवा विडियो बनाया है वो किस विषय पर आधारित है. लेकिन क्या SEO इतना ही आसान है, जी नहीं. SEO सिर्फ इतना सा नहीं है.
अपने लेख या विडियो का SEO करने में अच्छे अच्छे लोगो के पसीने छूट जाते है. क्योकि आप लिख तो लोगे ये सर्च इंजन जैसे की google, Bing को बताओगे कैसे की आपने जो लिखा है वो किस चीज़ पर लिखा है और बता भी दोगे तो वो आपकी बात समझेगा कैसे? इसलिए हम आपको SEO Tips In Hindi देने वाले है. जो आपकी seo करने में मदद करेंगे.
SEO क्या है एवं कैसे करें [SEO Tips in Hindi]
SEO (What is Search Engine Optimization) एक वेब माइनिंग टूल हैं जिसके द्वारा सर्च इंजिन पर यूज़र्स द्वारा की जाने वाली सर्च का सबसे उपयुक्त रिजल्ट उसे देता हैं. SEO टूल Keyword के हिसाब से रिजल्ट की एक लिस्ट देता हैं इस रिजल्ट में बहुत सी साइट्स SEO द्वारा सजेस्ट की जाती हैं जिनमे यूजर के प्रश्न का आंसर होता हैं और यूजर अपनी पसंद अनुसार उन साइट्स पर विजिट कर सकता हैं.
SEO के लिए Search Engine वेब पेजेस को crawl करता हैं जिसके बाद बेस्ट रिजल्ट चुनता हैं जिसे पेज की इंडेक्सिंग करना कहते हैं और इस सबके लिए SEO रोबोट/बोट एवम स्पाइडर का उपयोग करता हैं.
Crawl या Crawling क्या होती है?
जब कोई सर्च इंजन किसी website पर जाकर उसके बारे में जानकारी लेता है तो उसे Crawl कहा जाता है. Crawling 3 स्टेप्स में काम करती है.
- एक crawl प्रत्येक साइट्स, प्रत्येक पेज पर विज़िट करता हैं और साइट्स का चुनाव वह हाइपरटैक्स लिंक के जरिये करता है और फिर पेजेज़ की इंडेक्सिंग करता हैं.
- इस प्रकार इंडेक्स पेजज़ को एक जगह स्टोर करके रखा जाता हैं.
- इंडेक्सिंग के बाद यूजर की क्वेरी के हिसाब से रिजल्ट दिया जाता हैं इसमें क्वेरी के कीवर्ड को इंडेक्स पेजेज़ के साथ मिलान करके सबसे उपयुक्त रिजल्ट दिया जाता हैं.
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सर्च इंजन कैसे काम करता हैं (Overview Of Search Engine Optimization)
वैसे सभी सर्च इंजन की अपनी एक अल्गोरिथम होती हैं जिसके हिसाब से वे ऑप्टिमाइजेशन करते हैं एक बेसिक आईडिया नीचे दिया जा रहा हैं, आपको बता दें कि SEO तीन चरणों में काम करता हैं –
Crawl या Crawling
क्राव्लिंग यह सबसे पहली स्टेप्स हैं जो वेब पेज की इंडेक्सिंग के लिए की जाती हैं इसमें web spider हाइपरटेक्स्ट पेजेज़ पर विजिट करता हैं और पेजज़ की इंडेक्सिंग करता हैं.
इंडेक्सिंग
क्राव्लिंग के दौरान जो भी वेब पेजेज इंडेक्स किये जाते हैं उनके डेटा को कलेक्ट करना, पार्स करना और स्टोर करना इंडेक्सिंग के अंतर्गत आता हैं जिससे समान डेटा एक साथ रखा जाता हैं जिसे इंडेक्सिंग कहते हैं. सर्च इंजिन में जो रिजल्ट प्राप्त होता हैं वह वेब पेजेज इन्ही इंडेक्स पेजज़ से चुने जाते हैं.
मैचिंग
इंडेक्सिंग के बाद मैचिंग की प्रक्रिया शुरू होती हैं. जब यूजर सर्च इंजिन में कुछ प्रश्न डालता हैं तब मैचिंग की प्रकिया शुरू होती हैं जिसमे SEO टूल इंडेक्स पेजेज के पास जाकर प्रश्न के कीवर्ड के हिसाब से डेटा मैच करके वेब पेजज़ की एक लिस्ट देता हैं जिसका चुनाव वह वेब पेजज़ में लिखे मेटा डिस्क्रिप्शन से करता हैं. इस पूरी प्रक्रिया को मैचिंग कहते हैं.
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उपर दी गयी सारी जानकारी से आप लोग समझ गये होंगे की seo क्या होता है और कैसे काम करता है. अब बात आती है की हम अपनी website का seo कैसे करे.
SEO कैसे करें (seo Kaise Kare)
सर्च इंजिन में वेबसाइट आसानी से टॉप 10 में नहीं आती इसके लिए वक्त लगता हैं. साईट लगभग 6 महीने पुरानी होनी चाहिये और उसकी क्राव्लिंग, इंडेक्सिंग और मैचिंग की प्रक्रिया सही तरह से होने चाहिये जिसके लिए आपको कुछ रूल्स को फॉलो करना पड़ेगा.
website की स्पीड :
seo के लिए आपकी website की स्पीड जितनी ज्यादा होगी लोग आपकी website पर उतना ज़ल्दी विजिट करेंगे और सर्च इंजन में भी आपकी website जल्दी से क्रॉल होगी. ध्यान रखिये की आपकी website स्लो होने पर चाहे आपने कितना भी बढ़िया कंटेंट क्यों ना लिखा हो सर्च इंजन में कभी नहीं आएगा.
इसके लिए जरूरी है की आप हलकी थीम और बेहतर होस्टिंग का चयन करे और बढ़िया कैश क्लियर प्लगइन का उसे करे.
इसलिए अपनी website को हमेशा अपडेट रखे और स्पीड कभी कम ना होने दे. आप खुद भी स्लो स्पीड वाली website पर विजिट करना पसंद नहीं करते होंगे तो भला लोग क्यों आपकी स्लो website पर विजिट करेंगे.
अपना Niche चुने :
लिखने के लिए एक अच्छा अपना Niche चूने जिसमे आपकी रूचि भी हो और वह व्यूर्स द्वारा पढ़ा भी जाता हो. कोशिश करे ऐसा टॉपिक चुने जिससे आप किसी कि मदद कर पायें क्यूंकि इस तरह के टॉपिक बहुत सर्च किये जाते हैं.
URL बनाये :
URL सबसे महत्वपूर्ण होता हैं इससे ही आपके पेज कि क्र्वालिंग होती हैं अतः इसका चुनाव सावधानी से करें और अपने कीवर्ड को URL में जरुर डाले .
Keyword चुने :
अब चुने गये एरिया में से एक छोटा शब्द निकाले जैसे SEO Tips In Hindi अधिक सर्च किया जाता हैं अतः आपका कीवर्ड होगा SEO Tips In Hindi इस तरह आपने आपका कीवर्ड चुना.
Keyword का इस्तेमाल :
अपने डेटा में कीवर्ड का इस्तेमाल कई बार करे लेकिन बहुत ज्यादा भी नहीं |कीवर्ड के कारण ही सर्च इंजन को समझ आता हैं कि यह पेज किस टॉपिक पर हैं. इसलिए कीवर्ड और URL काफी सोच कर बनाये जाते हैं.
डेटा में कीवर्ड की महत्वपूर्ण जगह
- URL कीवर्ड में हो
- कीवर्ड टाइटल एवम सब टाइटल में हो
- कीवर्ड इमेज के नाम में हो
- कीवर्ड मेटा डिस्क्रिप्शन में हो
ब्लॉग की लम्बाई :
ब्लॉग लिखने में कंजूसी ना करें. जितना विस्तार से लिखेंगे उतना अच्छा होगा. ब्लॉग में निम्न बातो का ध्यान रखे.
- ब्लॉग में सब-टाइटल बनाये
- पॉइंट्स में अपनी बात कहे
- आसानी से बाते समझाने के लिए अच्छी भाषा, सरल भाषा का इस्तेमाल करें
इसके आलावा आप SEO करते समय इन बातो का ध्यान जरूर रखे.
- हैडिंग बनाये
- रिलेटेड पेजेज़ का लिंक डाले
- एक्सटर्नल लिंक बनाये
- बेक लिनक्स बनाये
- कमेंट बढ़ाये
SEO कितने प्रकार के होते है?
आमतौर पर SEO 2 प्रकार की होती है On Page SEO एवं Off Page SEO. SEO के दोनों ही प्रकार किसी भी वेबसाइट के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होते हैं। जहां on Page SEO साइट को गूगल पर मजबूत बनाती है वही off Page SEO साइट का बैकअप मजबूत करती है। साइट पर सबसे मुख्य होता है ट्रैफिक को बढ़ाना और उसके लिए दो इंपॉर्टेंट फेक्टर है जिनका ख्याल रखना बहुत जरूरी है और वह है on Page और off Page SEO. अब यह दोनों होते क्या है और किस तरह से काम करते हैं आइए जान लेते हैं।
On Page SEO –
हम जिस विषय से संबंधित अपनी साइट को तैयार करते हैं उसके कुछ कीवर्ड रिसर्च करने के बाद उसी तरह का कॉन्टेंट लिखकर अपनी वेबसाइट पर डालते हैं। वेबसाइट पर सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के अनुसार हमें कुछ सेटिंग भी करनी होती है ताकि हम कांटेक्ट को सेट करके गूगल में रैंक कराने के लिए तैयार कर सकें। ऑन पेज सेट करने के बाद ही किसी वेबसाइट पर ऑर्गेनिक ट्रैफिक लाने में मदद मिलती है।
On Page SEO फैक्टर्स
वेबसाइट का ON Page seo सेट करने के लिए कुछ ऐसे महत्वपूर्ण फैक्टर हैं जिनके बारे में आपको यहां बताया गया है:-
- वेबसाइट डिजाइन :- ऑन पेज सेटिंग में वेबसाइट का डिजाइन बहुत ज्यादा मायने रखता है कि आपके वेबसाइट पर जो डिजाइन आप इस्तेमाल कर रहे हैं वह कैसा है क्या वह गूगल के एल्गोरिदम के अनुसार है या नहीं। गूगल के एल्गोरिदम के अनुसार आपकी वेबसाइट का डिजाइन बहुत ही सिंपल और आपके विषय को डिफाइन करने वाला होना चाहिए।
- वेबसाइट स्पीड :– इस विषय पर हम पहले ही उपर बात कर चुके है. आपकी वेबसाइट की स्पीड कम से कम 80 से ऊपर होनी चाहिए।
- वेबसाइट स्ट्रक्चर :- आपके वेबसाइट के स्ट्रक्चर से पता चलता है कि आपकी वेबसाइट किस विषय से संबंधित है इसलिए गूगल को अपनी वेबसाइट के बारे में बताने के लिए अपनी वेबसाइट का स्ट्रक्चर अच्छे से तैयार करें। जब आपकी वेबसाइट का स्ट्रक्चर गूगल को आपकी वेबसाइट के बारे में बताएगा तभी आसानी से आपकी वेबसाइट गूगल में रैंक होने लगती है।
- वेबसाइट फ़ेविकॉन :– आपकी वेबसाइट किस विषय से संबंधित है वह दर्शाने के लिए एक छोटा सा आइकन आपकी वेबसाइट पर लगाया जाता है जिससे आपकी वेबसाइट की पहचान होती है। अगर आप किसी साइट को ओपन करेंगे तो आपको शाहिद के नाम के साथ एक छोटा सा आइकन दिखाई देगा उसे फेविकॅन कहते हैं।
- मोबाइल फ्रेंडली वेबसाइट :- आज के समय में हर कोई मोबाइल पर इंटरनेट यूज करते हैं इसलिए आप की वेबसाइट अगर मोबाइल फ्रेंडली है तो बहुत जल्दी आपको ऑर्गेनिक ट्रैफिक मिलेगा। इसलिए अपनी वेबसाइट को मोबाइल फ्रेंडली बनाना बहुत ज्यादा जरूरी है।
- टाइटल टैग :– आपकी वेबसाइट पर कांटेक्ट बहुत महत्व रखता है ऐसे में उस पर टाइटल टैग होना बहुत जरूरी है जो आपकी वेबसाइट या ब्लॉग से संबंधित जानकारी गूगल को दें। टाइटल टैग आपके कॉन्टेंट के बारे में बताता है कि आपका कॉन्टेंट किस विषय से संबंधित है।
- मेटा डिस्क्रिप्शन :– किसी भी कॉन्टेंट या ब्लॉक में मेटा डिस्क्रिप्शन का होना बहुत जरूरी है जो यह बताता है कि आपके उस पेज या वेबसाइट पर किस चीज के बारे में बताया गया है। मेटा डिस्क्रिप्शन ऐड करने के लिए वर्डप्रेस की साइट में अलग से विकल्प होता है और अन्य साइट में कोडिंग की सहायता से ऐड किया जाता है।
- कीवर्ड डेंसिटी :- किसी भी कांटेक्ट में ऑन पेज सेटिंग करने के लिए कीवर्ड डेंसिटी का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। गूगल के एल्गोरिदम के अनुसार एक कॉन्टेंट में कुछ कीवर्ड डेंसिटी निर्धारित की जाती है उसी के अनुसार अपने कांटेक्ट में कीवर्ड डालने अनिवार्य होते हैं। गूगल एल्गोरिदम के अनुसार ऑन पेज सेटिंग करने के बाद ही आपकी साइट जल्दी गूगल में क्रॉल होती है और ऑर्गेनिक ट्रैफिक हासिल कर पाती है।
- इमेज ऑल टैग :– जिसकी वर्ड का इस्तेमाल आपने अपने कॉन्टेंट में किया है यदि आप उसे इमेज ऑल टैग में भी यूज करेंगे तो वह बहुत जल्द गूगल में क्रॉल हो जाता है। ऑन पेज सेटिंग का यह बहुत ही महत्वपूर्ण फीचर है। आप जो भी कॉन्टेंट के बीच में इमेज डालते हैं उसमें कीवर्ड का ऑल टैग जरुर लगाएं ताकि आपके कांटेक्ट के साथ आपकी इमेज भी ऑन पेज सेटिंग के अनुसार सेट की जा सके।
- यूआरएल स्ट्रक्चर :– आपके कांटेक्ट या वेबसाइट का यूआरएल स्ट्रक्चर कैसा है यह भी ऑन पेज सेटिंग में देखना बहुत जरूरी होता है। यूआरएल से पता चलता है कि आपकी वेबसाइट के कौन से पेज या ब्लॉग में किस टॉपिक के बारे में बताया गया है।
- इंटरनल लिंक :- अपने एक ब्लॉक को दूसरे ब्लॉक के साथ इंटरलिंक करने से आपकी वेबसाइट का ट्रैफिक एक ब्लॉग से दूसरे ब्लॉक तक जाता है जिससे ट्रैफिक बढ़ाने में मदद मिलती है। अधिक ट्रैफिक और ऑन पेज सेटिंग करने के लिए इंटरलिंकिंग करना बहुत आवश्यक होता है।
- हाईलाइट इंपॉर्टेंट कीवर्ड :– जो भी इंपॉर्टेंट कीवर्ड आपने अपने कंटेंट में यूज किए हैं उन्हें हाईलाइट जरूर करें उससे गूगल उन कीवर्ड को देखता है और आपके उस ब्लॉक को आसानी से और जल्दी क्रॉल करता है।
- यूज हेडिंग टैग :- वर्डप्रेस में जब भी आप कांटेक्ट लिखकर पोस्ट करते हैं तो वहां पर आपने देखा होगा कुछ हेडिंग टैग भी आते हैं। आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले हेडिंग टैग H1 से H6 तक होते हैं। आपके कंटेंट का जो भी पार्ट मेन होता है उसे h1 टैग में रखें और बाकी सबको उनकी जरूरत के अनुसार अन्य h-tag में लगा दे। इससे आपका कंटेंट आकर्षित भी लिखेगा और ऑन पेज में मदद करेगा।
- पोस्ट गुड लेंथ :– ऑन पेज सेटिंग में यह बहुत मायने रखता है कि आपने अपने कंटेंट में कितने शब्दों का इस्तेमाल किया है। आपका कंटेंट किसी भी विषय पर हो उस विषय से संबंधित सभी जानकारी आपकी पोस्ट में होनी चाहिए कम से कम 2000 शब्दों का एक कंटेंट आप को ऑन पेज SEO के अनुसार तैयार करना जरूरी होता है।
- गूगल साइट मैप :- अपने ब्लॉग या पोस्ट को सर्च इंजन तक पहुंचाने के लिए गूगल साइट मैप में अपने ब्लॉग या पोस्ट का लिंक डाला जाता है ताकि आपका ब्लॉग जल्दी से गूगल के सर्च इंजन में पहुंच जाए।
- चेक ब्रोकन लिंक्स :- कभी-कभी पोस्ट के दौरान कुछ पॉइंट या लिंक छूट जाते हैं जिससे आपकी पोस्ट या ब्लॉक का लिंक ब्रोकन हो जाता है ऐसे लिंक गूगल में क्रॉल नहीं होते हैं इसलिए समय-समय पर अपनी वेबसाइट पर डाले हुए ब्लॉग या पोस्ट के लिंक को चेक करते रहें।
- SEO फ्रेंडली URL :– आपके कांटेक्ट का यूआरएल SEO फ्रेंडली होना चाहिए मतलब छोटा आसान और मीनिंग फुल। ताकि वे आसानी से खोजकर्ताओं तक पहुंच सके। मतलब अगर कोई गूगल में सर्च करता है तो आसानी से आपका यूआरएल क्रॉल होकर सर्च करने वाले व्यक्ति तक पहुंचे।
- गूगल एनालिटिक्स :– आपकी वेबसाइट पर कौन से ब्लॉग पर कितने रीडर्स आते हैं और किस टाइम आते हैं इन सभी बातों की जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको अपनी वेबसाइट गूगल एनालिटिक्स के साथ जोड़नी बहुत जरूरी है।
- सोशल मीडिया बटन :- आपकी वेबसाइट के पेज पर सोशल मीडिया से संबंधित सारे बटन होने चाहिए ताकि कोई रीडर आपकी पोस्ट को पड़ता है और उसे पसंद आती है तो वह आसानी से अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर उसे शेयर कर सके।
- एचटीएमएल पेज साइज :- अगर आपकी वेबसाइट एचटीएमएल पर है तो उसका पेज साइज गूगल एल्गोरिदम के अनुसार होना बहुत आवश्यक होता है। यह ऑन पर सेटिंग का एक महत्वपूर्ण फैक्टर है।
- Clear Page cache :– कभी-कभी गूगल पर जवाब का पेट्रोल कर जाता है तो उसमें थोड़ा बहुत कूड़ा कचरा आ जाता है जिसे कुकीज या cache कहते हैं। अपनी वेबसाइट या ब्लॉग पर जिससे उसे समय-समय पर क्लीन करना बहुत जरूरी होता है।
- वेबसाइट सिक्योरिटी:– अपनी वेबसाइट और ब्लॉग की सिक्योरिटी का ध्यान रखना आपकी जिम्मेदारी बनता है। बहुत सारे हैकर्स और हेटर ऐसे होते हैं जो आपकी वेबसाइट को नुकसान पहुंचा सकते हैं या फिर ब्लॉक भी करा सकते है। ऐसे में अपनी वेबसाइट को सुरक्षित रखना केवल आपके हाथों में होता है।
अब बात कर लेते हैं कुछ महत्वपूर्ण off Page SEO फैक्टर्स के बारे में.
Off Page SEO –
अपनी वेबसाइट के लिंक को गूगल पर प्रमोट करने के लिए बैक एंड पर कुछ काम किए जाते हैं जो off Page SEO में आते हैं। Off Page SEO किसी भी वेबसाइट के लिए बहुत ज्यादा जरूरी होती है और ऑफ पेज करने के बहुत सारे तरीके भी होते हैं.
Off Page SEO एक्टिविटीज
इसके अलावा ऑफ पेज SEO में कुछ और एक्टिविटीज भी आती हैं जैसे कि :-
- गेस्ट पोस्टिंग :- गेस्ट पोस्टिंग का सीधा और सरल शब्दों में अर्थ यह है कि दूसरे किसी अच्छे ब्लॉगर यार वेबसाइट पर जाकर जो आपके विषय से संबंधित वेबसाइट चलाता हो उस पर एक अच्छा सा कंटेंट लिखकर पोस्ट करना जिसमें आप अपने वेबसाइट की इंटरलिंकिंग कर सकते हैं उसे गेस्ट पोस्टिंग कहा जाता है। उससे आपकी वेबसाइट को बहुत ही पावरफुल बैकलिंक मिलता है। जो आपकी वेबसाइट के लिए लॉन्ग टर्म और क्वालिटी बैकलिंक के रूप में भी जाना जाता है।
- फॉर्म पोस्टिंग :- गूगल पर बहुत सारी ऐसी वेबसाइट होती है जहां पर आप अपनी वेबसाइट को प्रमोट करने के लिए फॉर्म पोस्टिंग कर सकते हैं। ऐसी साइट आपके साइट के लिंक को गूगल में क्रॉल करते हैं और जल्दी टॉप रैंकिंग में पहुंचाते हैं।
- ब्लॉग कमेंटिंग :- गूगल पर ऐसी भी बहुत सारी website है जहां पर आप अपनी वेबसाइट के लिंक को कमेंट करके एक अच्छा बैकलिंक बना सकते है। जो आपके वेबसाइट पर ऑफ पेज का काम करते हैं।
इन सभी साइट पर जाकर आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट के कीवर्ड को तथा लिंक को प्रमोट कर सकते हैं जिससे आपकी वेबसाइट पर बहुत अच्छे ऑफ पेज बैकलिंक मिलते हैं। इन सभी सबमिशन से रिलेटेड साइट आपको गूगल में आसानी से मिल जाती हैं।
SEO Technique प्रकार
आमतौर पर किसी भी वेबसाइट के लिए 2 तरह से SEO की जाती है मतलब SEO टेक्निक के दो प्रकार होते हैं:-
White hat SEO :-
अपनी वेबसाइट के लिए सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन तरीके से बैकलिंक बनाना white hat SEO में आता है। SEO के इस तरीके को सबसे अच्छी तकनीक के रूप में जाना जाता है।
Black hat SEO :-
यह एक ऐसी तकनीक होती है जिसमें किसी भी वेबसाइट को गूगल में रैंक कराने के लिए गलत तरीके से काम किया जाता है। सर्च इंजन की गाइडलाइन को फॉलो किए बिना बनाए गए बैक लिंक अच्छे नहीं होते हैं और वे सब Black hat SEO में आते हैं।
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उम्मीद है की आप लोगो को SEO Tips In Hindi पर यह लेख पसंद आया होगा. आप अपने कमेंट हमे कमेंट बॉक्स में लिखकर बता सकते है. मिलते है ऐसे ही किसी और मजेदार लेख में. तब तक के लिए मुस्कुराते रहिये.. धन्यवाद